Ebook: Garga Samhita गर्गसंहिता
Author: Saraswati Bhavana Granthamala
- Series: Sarasvati Bhavana Granthamala
- Year: 1959
- Publisher: Varanaseya Sanskrit Vishva Vidyalaya
- City: Varanasi
- Language: Sanskrit
- pdf
ज्योतिष शास्त्र के 6 भागों पर गर्ग संहिता नाम से ऋषि गर्ग ने एक संहिता शास्त्र की रचना की। संहिता ज्योतिष पर लिखे गये प्राचीन शास्त्रों में नारद संहिता, गर्ग संहिता, भृगु संहिता, अरून संहिता, रावण संहिता, वाराही संहिता आदि प्रमुख संहिता शास्त्र है। गर्ग ऋषि को यादवों का कुल पुरोहित भी माना जाता है। इन्हीं की पुत्री देवी गार्गी के नाम से प्रसिद्ध हुई है। भारत में ज्योतिष को वेदों का एक प्रमुख अंग माना गया है। वैदिक ज्योतिष की नींव माने जाने वाले 18 ऋषियों में गर्ग ऋषि का योगदान भी सराहनीय रहा है। प्राचीन काल से ज्योतिष पर विशेष अध्ययन हुआ। ज्योतिष ऋषियों के श्री मुख से निकल कर, आज वर्तमान काल में अध्ययन कक्षाओं तक पहुंचा है। गर्ग संहिता न केवल ज्योतिष पर आधारित शास्त्र है, बल्कि इसमें भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का भी वर्णन किया गया है। यह एक प्रसिद्ध ज्योतिष ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को ज्योतिष के क्षेत्र में रिसर्च के लिए प्रयोग किया जाता है। गर्ग संहिता में श्रीकृष्ण चरित्र का विस्तार से निरूपण किया गया है। इस ग्रन्थ में तो यहां तक कहा गया है, कि भगवान श्री कृष्ण और राधा का विवाह हुआ था। गर्ग संहिता में ज्योतिष शरीर के अंगों की संरचना के आधार पर ज्योतिष फल विवेचन किया गया है।
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